Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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शहीदों के प्रति

 

 

क़ब्र पर जिनके आँसू बहाया गया।
जिन्दगी भर जिन्हें आजमाया गया।
जान जिसने लुटा दी वतन के लिए,
सिरफ़िरा कल उन्हें ही बताया गया।
फ़ख्र से गीत जिनके पढ़े जा रहे,
विष उन्हें कल यहीं पर पिलाया गया।
सिलसिले वायदों के चले आ रहे,
क़र्ज़ फिर भी न उनका चुकाया गया।

आचार्य बलवन्त

 

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