गमो को अपने तुम सबसे छुपा रखना,
हंसी को दर्द के ऊपर बिठा रखना....
करो तकसीम जितना उतना बढ़ती है
ख़ुशी को तुम जहाँ पाना लुटा रखना.....
न छूटूं फिर कभी इस भीड़ में तुमसे,
मेरा तुम हाथ हाथों में दबा रखना....
न आ पाऊं किसी दिन मैकदे में तब,
मेरा वो जाम फिर भी तुम भरा रखना.....
नसीहत जब कोई देना किसी को तुम,
तो खुद को भी दिखा तुम आइना रखना......आदर्श बाराबंकवी
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