Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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जब निवाला हलाल होता है

 

 

जब निवाला हलाल होता है।
बन्दा कितना निहाल होता है।

 

जेब में जब न माल होता है
कौन फिर पुरसाहाल होता है।

 

तुम गिरा सकते हो किसी को भी
पर उठाना कमाल होता है।

 

घर में होना जवान बेटी का
इक बड़ा सा सवाल होता है।

 

वज्ह है दिल के टूटने की वही
सोचने पर मलाल होता है।

 

मैं भी रहता हूँ पात पात सदा
तू अगर डाल डाल होता है।

 

मिल के आदर्श से कहेंगे आप
आदमी बाकमाल होता है

 

 


.......आदर्श बाराबंकवी......

 

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