Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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रोक सकते ही नहीं है आप,लहराना मेरा

 

 

रोक सकते ही नहीं है आप,लहराना मेरा,
ये नशीली आप की आँखें हैं पैमाना मेरा .........
अपने हिस्से के सभी रंजो-अलम दे दो, मुझे.,
इस कदर तुमको पसंद आया जो याराना मेरा......
ये अज़ब महफ़िल सजाई है मेरे यारों ने आज,
लब सभी के तर, मगर खाली है पैमाना मेरा......
इक अरसे तक मैं भी रहा,ख़ुदा को भूल कर ,
लोग जलते हैं ये देख आदर्श बन जाना मेरा....आदर्श

 

 

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