पानी पे तैरती हुई कहती हे लाश ये।
डूबा थ शख्स खुद कि हि सांसों के बोझ से
झूठ मत बोलो मुझको न अपना कहो।
हम चले साथ जो उसको सपना कहो।तोड़ तुमने दिया जिस को कह कर के दिल।
मत कहो उसको दिल इक खिलौना कहो....
संभला कभी कभी तो मै बिखरा कभी कभी।
ऐसा भि वक़्त मुझ प हे गुज़रा कभी कभी।जो लोग दूसरों प हमेशा हंसा किये
चेहरे का रंग उनका भि उतरा कभी कभी।मेरे प्यार का बस तू इतना सिला दे,
जो रूठूँ कभी तो मुझ को हंसा दे.....
लबों पर ख़ुशी अब हो मेरे हमेशा,
हुनर ये कभी तो मुझे भी सिखा दे...
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