वो ज़िंदा होके भी ज़िंदा नहीं है
अडब जइसन कोइ साचा नहिं है
इरादा दोब जये हर केसी का
समंदर इटना भी गहरा नहीं है
कभी फुर्सत नहीं थी ऐ पाल की
मगर अब वक़्त है, कट ता नहीं है
करगा और भी साज़िश ऐसी 'नज़र'
मीरा दिल थेक से उजड़ा नहीं है
aazar
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY