Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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मैं

 

 

मैं----
वर्तमान
तुम ----
भविष्य
और सुरक्षित भविष्य
तभी सम्भव है
जब वर्तमान पहचान ले
अपने होने का अर्थ
मैं .... यानि
आज का इंसान
अगर ले लूँ शपथ
कि कोई छल नहीं करूँगा
अपनी माटी से
उतना ही ग्रहण करूँगा जितनी आवश्यकता है
केवल जीने के लिए
न कि विलासिता के लिए
तभी तुम... यानि
आज के इंसान की
आने वाली पीढ़ीयां
जिंदा रख पायेंगी
धरती पर मनुष्यता
को जिंदा
और फिर ही
खेल सकते हो तुम
होली के रंग
जमाने के संग
और मैं चाहता हूँ कि
तुम खेलो ________
देखना, खेलेगी मनुष्यता धरती महकेगी
मैं शपथ लेता हूँ
मैं शपथ लेता हूँ....
मैं शपथ लेता हूँ...........

 

 

Akash sharma prince

 

 

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