Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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नहीं कुछ खर्च होता है

 

 

नहीं कुछ खर्च होता है,
किसी का मुस्कराने से,
मगर धनवान हो जाता,
इसे हर सख्स पाने से l

 

ये लेती सिर्फ है, इक पल,
हमारी जिंदगानी से,
ख़ुशी से झूम जाये दिल,
मगर इस पल को पाने से l

 

कभी तो इस कदर इसका,
असर हो जाए पाने से,
कि यादे दिल से, याद इसकी,
नहीं जाती भुलाने से l

 

ये जीवन ख़ास बनता है,
ख़ुशी के पल बनाने से,
सहज ही पल, ये बनते हैं,
किसी के मुस्कराने से ll

 

 

" अल्पना मिश्रा "

 

 

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