मेरी बचकानी उम्र में ही
हाथ की जिन लकीरों को पढ़कर
पंडित बाबा ने
मेरी भयानक कुंडली बनाई थी
बड़े होते ही मैनें
उन सभी बासी पड़ी लकीरों को
उतार फेंका
खुद नई-नई और ताजा लकीरें बनाने के लिए
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मेरी बचकानी उम्र में ही
हाथ की जिन लकीरों को पढ़कर
पंडित बाबा ने
मेरी भयानक कुंडली बनाई थी
बड़े होते ही मैनें
उन सभी बासी पड़ी लकीरों को
उतार फेंका
खुद नई-नई और ताजा लकीरें बनाने के लिए
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