आज फिर
दाखिल हुआ
मेरे कमरे में
धूप का एक झुंड
और
सुबह-सुबह ही
अपनी गर्माहट से
जगाकर मुझे
लौट गया
आसमां की ओर।
- अमन चाँदपुरी
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आज फिर
दाखिल हुआ
मेरे कमरे में
धूप का एक झुंड
और
सुबह-सुबह ही
अपनी गर्माहट से
जगाकर मुझे
लौट गया
आसमां की ओर।
- अमन चाँदपुरी
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