Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

मेरे सपने

 
  • मेरे सपनों के
    पूरा होने से पहले
    मेरा जीवन
    समाप्त न हो जाये

     

    चंद अक्षर ही अभी
    मैं लिख पाया हूँ
    मेरे मरने के बाद
    यही प्रयाप्त न हो जाये...!

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