Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

पीड़ा का कारण

 

तुमने तो उकेर दिया
अपनी पीड़ा को
और मैनें भी
बड़ी आसानी से
समझ लिया
कागज़ों पर अमर
उन शब्दों को
लेकिन मैं
तुम्हारी
इस पीड़ा का
कारण नहीं
समझ सका दीदी
बहुत कोशिश के बावजूद।

 

 

- अमन चाँदपुरी

 

Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ