Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

वक्त का महत्व

 

 

जो करते वक्त की कदर वो ना भटकें यूं दरबदर
हर काम का अच्छा असर हो जाये गर वो वक्त पर

 

वक्त वो शे है जो है इकतरफा रास्ता
गुजरे हुए वक्त से फिर ना पड़े है कोई वास्ता

 

सारा जहां है वक्त का एक सुनियोजित सा खेल
बात समझ लें वक्त पर और वक्त से रखें तालमेल

 

जो वक्त के साथ चलते हैं अच्छे से फलते फूलते हैं
जो कराते इसको नजरअंदाज अक्सर गिरे उन पर है गाज

 

वक्त की महिमा अजीब चाहे दूर हो या हो करीब
अमीयर हो या हो गरीब सबको एक सा ही है नसीब

 

वक्त नहीं करता किसी का भी इंतजार
बेमानी है जो हम करें वक्त का इंतजार

 

वक्त की इज्जत करना सीखो यार
बहुत बुरी होती है वक्त की मार

 

क्या होगा और होगा कब देखते रह जाएँगे सब
वक्त जो चाहेगा और जब वही होगा और होगा वो तब

 

वक्त पर करो सब करम गर वक्त हो जाये बेरहम
जो घाव यह दे जाएगा ना काम आयेगा कोई भी मलहम


चाहे कुछ भी हो आज के काम को कल पर मत टाल
साथ ना दिया गर वक्त ने तो ना जाने कल क्याहोगा हाल

 

वक्त है वो बैंक अकाउंट कल का चेक जिसमे हो बाउंस
खर्च कर इसे आज ही वरना व्यर्थ जाएगा ये डिस्काउंट

 

कल किसी ने ना देखा है ना ही देख पाएगा
आज मे जो जिएगा वही सच्चा सुकून पाएगा

 

मैंने कहा वक्त से दे हाथ मेरे हाथ मे तू साथ मेरे चल
वक्त ने हँसकर कहा मै अपनी राह चलता हूँ तू अपनी राह चल

 

मैंने कहा वक्त तू ठहर जरा इतनी तो बात मान
मै साथ तेरे चल सकूँ इतना तो वक्त दे

 

गर पृथ्वी वक्त मांग ले थोड़ा सा सुस्ताने के लिए
ना ही मै ना तुम होगे कविता सुनने सुनाने के लिए

 

वक्त ने किए हैं ना जाने कितने ही सितम
पर वक्त ही बनाता है इक आखिरी मलहम

 

 

 

अमरनाथ मूर्ती

 

Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ