जो करते वक्त की कदर वो ना भटकें यूं दरबदर
हर काम का अच्छा असर हो जाये गर वो वक्त पर
वक्त वो शे है जो है इकतरफा रास्ता
गुजरे हुए वक्त से फिर ना पड़े है कोई वास्ता
सारा जहां है वक्त का एक सुनियोजित सा खेल
बात समझ लें वक्त पर और वक्त से रखें तालमेल
जो वक्त के साथ चलते हैं अच्छे से फलते फूलते हैं
जो कराते इसको नजरअंदाज अक्सर गिरे उन पर है गाज
वक्त की महिमा अजीब चाहे दूर हो या हो करीब
अमीयर हो या हो गरीब सबको एक सा ही है नसीब
वक्त नहीं करता किसी का भी इंतजार
बेमानी है जो हम करें वक्त का इंतजार
वक्त की इज्जत करना सीखो यार
बहुत बुरी होती है वक्त की मार
क्या होगा और होगा कब देखते रह जाएँगे सब
वक्त जो चाहेगा और जब वही होगा और होगा वो तब
वक्त पर करो सब करम गर वक्त हो जाये बेरहम
जो घाव यह दे जाएगा ना काम आयेगा कोई भी मलहम
चाहे कुछ भी हो आज के काम को कल पर मत टाल
साथ ना दिया गर वक्त ने तो ना जाने कल क्याहोगा हाल
वक्त है वो बैंक अकाउंट कल का चेक जिसमे हो बाउंस
खर्च कर इसे आज ही वरना व्यर्थ जाएगा ये डिस्काउंट
कल किसी ने ना देखा है ना ही देख पाएगा
आज मे जो जिएगा वही सच्चा सुकून पाएगा
मैंने कहा वक्त से दे हाथ मेरे हाथ मे तू साथ मेरे चल
वक्त ने हँसकर कहा मै अपनी राह चलता हूँ तू अपनी राह चल
मैंने कहा वक्त तू ठहर जरा इतनी तो बात मान
मै साथ तेरे चल सकूँ इतना तो वक्त दे
गर पृथ्वी वक्त मांग ले थोड़ा सा सुस्ताने के लिए
ना ही मै ना तुम होगे कविता सुनने सुनाने के लिए
वक्त ने किए हैं ना जाने कितने ही सितम
पर वक्त ही बनाता है इक आखिरी मलहम
अमरनाथ मूर्ती
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