वो कौन सी मंजिल थी,
जिसके जुर्म रास्ते थे,
हर कोई जा रहा था बस एक ही ओर,
मचा हुआ था शोर !
मैं खिड़की से,
काफी देर तक,
लोगों को सिर्फ जाते देख रहा था,
और सोच रहा था !
कितने चले गए,
इसी रास्ते से,
एक और उसी रास्ते से जा रहा है,
कोई वापस नहीं आ रहा है !
मैंने जब पूंछा ये,
अपने नए पड़ोसी से,
बोले- आपका कहना बिलकुल थी है,
ये ‘वन वे स्ट्रीट’ है !
Ambrish K. Srivastava
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