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Dr. Srimati Tara Singh
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वन वे स्ट्रीट

 

 

वो कौन सी मंजिल थी,
जिसके जुर्म रास्ते थे,
हर कोई जा रहा था बस एक ही ओर,
मचा हुआ था शोर !

 

मैं खिड़की से,
काफी देर तक,
लोगों को सिर्फ जाते देख रहा था,
और सोच रहा था !

 

कितने चले गए,
इसी रास्ते से,
एक और उसी रास्ते से जा रहा है,
कोई वापस नहीं आ रहा है !

 

मैंने जब पूंछा ये,
अपने नए पड़ोसी से,
बोले- आपका कहना बिलकुल थी है,
ये ‘वन वे स्ट्रीट’ है !

 




 

 

Ambrish K. Srivastava

 

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