भारत ने ये अवश्य जान लिया..। देश का दुर्भाग्य एक बार फिर जाग गया । धरती का लाल जिसने अपना पूरा जीवन इस राष्ट्र के प्रति समर्पित कर दिया ....आखिर कार अब माँ के गोद में उसका तिरंगी आंचल ओढ़ ,सोने चला ... आज देश शांत है....तिरंगा झुक गया है .. विश्व फूलो की श्रध्दांजलियाँ चढ़ा रहा है ,देश के असंख्य जनमानस अपने नेत्रों की अजस्र अश्रुधाराओ सें अर्ध्य चढ़ा रहे है ...लोग सर पीट रहे है ,छातियाँ धुन रहे है ...पर दुर्भाग्य हँस रहा है ....। देश की एक बार फिर कमर टूटी है ,पर अजर और अमरों का ये देश धौर्य और सांत्वनाओ के सहारे धीरे -धीरे फिर उठेगा ,संभलेगा और बढ़ेगा ...उस सपने की ओर जिसे कलाम ने देखा था "भारत 2020" में । अगर ये सच है की लोग मरने के बाद सितारा बनते है ....तो अब से आसमान और भी खूबसूरत होगा क्यों की वहाँ एक और सितारा युगों - युगों तक सबसे तेज चमकेगा ...जिसे दुनिया "एपीजे अब्दुल कलाम "के नाम से जानेगी ...।।
-------अम्बुज सिंह
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY