बाह रे ! ये नेता महान
देखो नेताओं की टोपी
कितनी छोटी कितनी मोटी
दिल काला चश्मा लाल
बुन रहे षडयंत्री जाल
नेताओं का देखो पेट
जैसे हो इन्डिया गेट
चुनाव चिन्ह है नोट छाप
दे दें आप वोट आप
साफ धुला है धोती-कुर्ता
पान चबाए घुरता-फिरता
रोज बटोरते पूरे माल
यही बनेगा उनका काल
चाहे हो कितनी जगहॅंसाई
काम का हिसाब पाई-पाई
स्वीश बैंक उन सबका धाम
फिर भी उन्हें नहीं आराम
सोते-जागते सपने देखते
बार-बार नोटों को गिनते
नारा उनका लम्बा-चैड़ा
संभल कर रहना उनसे बस थोड़ा
उनका क्या कहना है शान
सहते नहीं थोड़ा भी अपमान
कूटनीति में वे पारंगत
बुद्धिजीवी कम दुर्जनों का संगत
मृदुल व्यंगपूर्ण वाणी उनकी
उसमें छिपी शैतानी उनकी
नख से शीश तक पूर्ण बेईमान
बाह रे ! ये नेता महान
अमरेन्द्र सुमन
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