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Dr. Srimati Tara Singh
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बलतोड़

 

अमरेन्द्र सुमन

 

 

अभी तक
इस संबंध में मेरी राय यही थी

 

यह कोई नासूर जख्म नहीं
थोड़े समय की पीड़ा हो सकती है
उन धैर्यहीनों के लिये
वेवजह सारा घर जो सर पर उठा लेते हैं

 

इस घाव से परेशान लोगों की
कायरता पर हॅंसी ही आती

 

सभी कहते
खुद पर बीतती है तो समझ में आती है बात

 

बलतोड़ ने दो-चार रोज से
परेशान कर रखा है मुझे

 

उठना-बैठना,चलना-फिरना
यहाँ तक कि शौच में भी महसूसता हूँ
जख्म की टिस

 

जख्म कोई भी हो
प्रभावित कर जाता है शरीर का एक-एक अंग

 

समझ लो!

पूरे दिन भर की चंचलता के लिये
एक अभिशाप से कम नहीं

 

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