मुक्तक
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| 1:06 PM (2 hours ago) |
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आपका हँसना अलग और मुस्कराना है अलग।
चुपके-चुपके इस तरह से दिल में आना है अलग।
आपकी जब याद आयी सब ख्वाब मीठे हो गए,
दिल्लगी लगी तो अलग थी अब दिल लगाना है अलग।
अमरेश सिंह भदौरिया
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