Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

दर्द दिल में था गहरा

 

मुक्तक


Inbox
x




Amresh Singh 

12:11 PM (3 hours ago)




to me 



दर्द दिल में था गहरा
मैंने छिपाया नहीं।
तुमने पूछा नहीं
मैंने बताया नहीं।
राज नज़रों का नज़रों ने
है पढ़ लिया,
सच कहूँ आपसे मैंने
पढ़ाया नहीं।

©अमरेश सिंह भदौरिया


Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ