Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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मेहमाँ बनकर आये थे वो

 
मेहमाँ बनकर आये थे वो
रहे कुछ दिन मेरे  घर   में
न जाने  क्यूँ  बिन  बताये
चल दिये अगले सफर  में
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©अमरेश सिंह भदौरिया

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