मेरी मुश्किलों का वो हल ढूँढ़ता है।
जो हमदर्द था अब गरल ढूँढ़ता है।
नादान है या समझदार ज्यादा,
अधिक सोचकर वो सरल ढूँढ़ता है।
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मेरी मुश्किलों का वो हल ढूँढ़ता है।
जो हमदर्द था अब गरल ढूँढ़ता है।
नादान है या समझदार ज्यादा,
अधिक सोचकर वो सरल ढूँढ़ता है।
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