Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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उपग्रह

 
वात्सल्य की तरलता
जिम्मेदारियों का घर्षण
दायित्वों का भार
कर्तव्यों का नाभिकीय विखंडन
अंतर्संबंधों का आवेग
अंतहीन इच्छाओं की पिपासा
भावनाओं की प्रबलता
प्रणय का आवेश
कामनाओं की निर्बाधता
अनुबंध का गुरुत्वाकर्षण
आत्मीयता के बीच दूरी
वर्जनाओं की टूटन
और..................
फिर..................
निजता का बोध
इसलिए.............
कभी-कभी सोचता हूँ
कि....................
अपनी कक्षा से भटका हुआ
कोई उपग्रह तो नहीं हूँ मैं।

©अमरेश सिंह भदौरिया



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