Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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बात बात में उनका इठलाना अच्छा लगता है

 

 

बात बात में उनका इठलाना अच्छा लगता है 1

दस बहाने कर उनको झुठलाना अच्छा लगता है !


भोली सूरत में बच्चों- सा शर्माना अच्छा लगता है !

बिन कारण ही उनसे गोठियाना अच्छा लगता है!


दर्शक दीर्घा में देख उन्हें मेरी पुतली सन्ग ,

मन ही मन उनका हर्षाना अच्छा लगता है1


निदिया रानी रात सुहानी में,

स्वपनिल पल में खो जाना अच्छा लगता है 1


सखी सहेली संग सुन्दर शैली और सहज सुरों में,

लब पर प्रीत सुमन खिल जाना अच्छा लगता है !


साए शजर में ,सखियों की नजर में ,

कल्पित किस्सों में रम जाना अच्छा लगता है 1


मेरे उर आखर अक्षर और शब्द पहेली पर ,

उनका यों चिढ़ जाना अच्छा लगता है !


पल दो पल का उनका ये याराना अच्छा लगता है !

खुदगर्ज हूँ की कुछ को मेरा शायराना अच्छा लगता है !


बात बात में..........................................................

 

 

........... आनन्दमूर्ति

 

 

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