बैठे बिठाए कुछ काम कर लूँ मैं..|
ब्रह्मा की सृष्टि को प्रणाम कर लूँ मैं||
जुल्मों की दुनिया से खुद को गुमनाम कर लूँ मैं|
सच्चे जहाँ में .........कुछ नाम कर लूँ मैं||
प्यारे मिलन को अविराम कर लूँ मैं|
गिले-शिकवे को राम-राम कर लूँ मैं||
अनैतिक करम को विराम कर लूँ मैं |
पुण्य धरम को सलाम कर लूँ मैं ||
बैठे बिठाए कुछ काम कर लूँ मैं..|
खुद को किसी का मुकाम कर लूँ मैं||...............anand murthy
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