Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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होगा सबको हर्ष

 

 

होगा सबको हर्ष

जब होगा नव वर्ष

होगा सवेरा नवीन

संध्या होगी नवीन

दिवस भी नया

होगी रजनी नई

गगन भी नया

निर्मल सरिता नई

हिमांशु नवीन

रवि होगा नवीन

मुस्कुराए वरुण

रश्मि होगी अरुण

वे उर्मिल किरण

करें आकांक्षी वरण

कोई हो न संकीर्ण

होवें पूर्ण प्रवीण

आलोकित हो ......

खुशियों की उमंग

रहे बजता मृदंग

बूढ़े बच्चे सब संग

झूमें खेलें नव रंग...

न हो विराग कहीं

वे तो अनुराग भरी

होगा वसंत नया

वो हेमंत नया

अनिल के झरोखे

बहें विपिन के सहारे

प्रसून पंकज नए

आस अंकुर नए

होंगे प्रफुल्ल विमल

हो ऊष्मित निखिल

फैले लालिमा की लड़ी

नई शिव वाणी खड़ी

जो बनेगी अजेय

संग जिसके विजय

ज्योति दीपक बढ़े

पूर वसुधा सजे

होगी उपासना नई

होगी आराधना नई

सबका होगा अब नेक

करो उसका अभिषेक

नव ऊर्जित संसार देख

मिट जाएंगे सब क्लेश

पुष्पवर्षण कर जश्न

मनाएंगे श्री अखिलेश

 

 

 

@आनंद

 

 

 

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