कर रहा था बात जिस बिछड़े किरदार की...
रह गई थी बिन बिकी वो चीज,समूचे बाजार की...
खेद मुझको तो नही .....शोक उनको भी नहीं...
सामने आकर पास पहुँची, असली इक हकदार के.
................Anand Murthy
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कर रहा था बात जिस बिछड़े किरदार की...
रह गई थी बिन बिकी वो चीज,समूचे बाजार की...
खेद मुझको तो नही .....शोक उनको भी नहीं...
सामने आकर पास पहुँची, असली इक हकदार के.
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