नन्दनी माता की तुम ,
वन्दनी भ्राता की तुम ,
चाँदनी चाचा की तुम ,
लाडली पापा की तुम
मानस मन की मुस्कान मधुर |
गीत की इक पहचान मधुर |
हस्त ऋचा की मेहमान मधुर |
ममता मन की अरमान मधुर |
सुरभित सुन्दर सुमन खिला दो,
आस नई , एक विस्वास दिला दो.
जीत शिखा की समृद्धि माला में ....
अदभुत अपना नाम सजा दो ........
करम धरम से इस दुनिया में ,
ममता मन को एक पहचान दिला दो.......
आज तुम चिन्तन करो ,
काज का मन्थन करो...
ऋचाएं भी साथ देगी...
सादगी से तो मन्चन करो..............
रश्मियाँ अन्जन करें
चाँदनी चन्दन करें
सहजनी वन्दन करें...
हम आपका अभिनन्दन करें...........................
Anand Murthy
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