Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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पास आओ जरा हम सम्भल जाएगे.....

 

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दूरियो से तो यू हम बिखर जाएगे ,

पास आओ जरा हम सम्भल जाएगे !

 

तेरी आँखों का अन्जन मै ही बनूँ ,

कुछ पल के लिये तो ठहर जाएगे !

 

आँसुओ मे तेरे हम नजर आएगे,

हर दरद मे तेरे हम छलक जाएगे !

 

यादों मे तेरी हम रचेगे गज़ल ,

गीत मे ही सही गुनगुना दे गज़ल !

 

गीत की इस लहर मे हम मचल जाएगे ,

प्यार मे ही सही हम सन्भल जाएगे 1

 

शबनमी होठ को हम तरस जाएगे ,

प्यास मे तेरी हम बरस जाएगे !

 

तेज धड़कन मे यू हम फ़िसल जाएगे,

साथ दे दो जरा हम सन्भल जाएगे !

 

कब तलक चलेगी ये घड़ी इम्तिहां की ,

इम्तिहानो से यू हम बिखर जाएगे !

 

हासिये पर खड़ी एक जिन्दगी कह रही ,

कुछ तो कह दो जरा हम बहल जाएगे 1

 

पास आओ जरा हम सन्भल जाएगे ......................................

 

 

Anand Murthy

 

 

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