Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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पूनम की ही रातों में

 

पूनम की ही रातों में,
एक अरमान जागा है |
आखिरी उस आरजू में ,
एक इन्सान जागा है |
वाकिफ़ है वो मेरे दिल के,
नक्शे की लकीरों से |
निगाहों की सियासत मे ,
मेरा एक इमान जागा है |
पूनम की......................

 

 

Anand Murthy

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