Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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रिडॉक्स अभिक्रिया

 

 

लेखनी की शुरूवात पर ,
विज्ञान की विसात पर !
इक इम्तिहा जज्बात पर,
गौर करे इस सिद्धान्त पर!

 

अभिक्रियाओं के एक वर्ग को,
बढ़े रोचक ढ़ंग से बताते हैं!
अवयव अवयव से मिलता है,
सिद्ध रूप पा जाती है !

 

दो से बनता नाम एक ,
नाम एक ही हो जाता है !
एक को कहते आक्सीकरण,
दूसरा अपचयन कहलाता है !

 

अभिकारक जब उत्पाद हुए,
तरह तरह के उन्माद हुए!
कही कमी तो कही मुनाफ़ा ,
कही कही अवसाद हुए !

 

आक्सीजन का योग हुआ ,
कमी हाईड्रोजन की होती है !
कुछ इलेक्ट्रोन दूर हो जाते है ,
आक्सीकरण अभिक्रिया का नाम हुआ 1

 

कहीं आक्सीजन की हुई कमी ,
कहीं हाइड्रोजन जुड़ जाती है !
योग इलेक्ट्रोन का हो जाता है!
अपचयन अभिक्रिया हो जाती है !

 

आक्सीडेन्ट अपचयित हो जाते है ,
दूसरो का आक्सीकरण करने में!
रिडक्टेन्ट आक्सीक्रित होते है,
दूसरों का अपचयन करने मे !

 

अधातु ओक्टेट पूरी करते ,
धातु के इलेक्ट्रोनो से !
आक्सीकरण मे अवस्था बढ़ जाती है !
अपचयन मे जो घट जाती है

 

जब जब अभिक्रियाए होती है ,
यह नाम लेकर हो जाती है !
रसायन का यह विस्तीर्ण क्षेत्र ,
रिडॉक्स अभिक्रियाए कहलाती हैं!

 

 

Anand Murthy

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