Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

कविता क्या है ?

 

कविता क्या है ?

कविता क्या है ?

केवल पक्तिबद्ध शब्दों की माला

या छंदों का राग

काव्यपाठ में गायन करता

सूर और लय का मिलाप

केवल इतना कहकर

कविता को क्यों लजाते हो ?

जब समझ नहीं सकते

कविता की परिभाषा

तो कैसे इसमें रस की मस्ती पाते हो ?

अरे ! यह तो

कवि हृदय का उद्गार है

भावों से भरा हुआ पारावार है

अपार शक्ति है इसमें

जग को झंकृत करने की

यह तो संवेदनाओं का संसार है

आईना है इसमें दुनिया का

सच को दिखलाता है

जिसमें बज नहीं सकती वीणा

उसमें भी सात सूरों का तार है

कविता मन का गायन है

वेदनाओं में लिपटी

किसी हृदय की छटपटायन है

यह केवल शब्दों का जाल नहीं

कोरे सूर और ताल नहीं

यह सच्चाई है किसी हृदय की

जो उपजी है कविता बनकर

कवि हृदय ही इसको पहचानता

कविता की असली परिभाषा

केवल कवि हृदय ही जानता….।

Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ