कोरोनाः एक महामारी'
संसार की बर्बादियों में
कई किस्से आये और चले गये
कुछ लोग मरते रहे
कुछ संघर्ष से निकल गये
यह क्रमबद्ध सिलसला
जारी था, जारी रहा
कभी भूख ने मारा
कभी कारण महामारी रहा
आज भी कुछ ऐसा हुआ है
लोग मर रहे है
'कोरोना' सब पर हावी हुआ
ना कोई दवा
ना कोई दुआ काम आ रही है
जनता देश-दुनिया की
अपने ही कर्मों से घबरा रही है
अब सबकी सलाह है
जिसने बचाव कर लिया
वह अजर-अमर जिन्दा है
बाकी लापरवाही से
वायरस फैला था
और लापरवाही के कारण
अर्थी पर लेटा बाशिन्दा है।
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