Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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असली हिन्दुस्तान

 

'असली हिन्दुस्ता'

सुनसान हैं सड़कें

गलियाँ विरान पड़ी हैं

हर जगह सन्नाटे फैले

बाहर कोई नहीं है

पर वह देखोकौन ?

पैदल मार्च पर जा रहा है

शरीर बेदम है

फिर भी कदम बढ़ा रहा है

सर पर तपती धूप है उसके

पैरों में छाले पड़े है

बच्चे अधमरेबेजान है

भूख से बिलखता

आजादी से अब तक

सत्तर सालों से जिन्दा

यह मेरा असली हिन्दुस्तान है...

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