'बेलगाम दरोगा जी'
ऐ ! दरोगा जी
अरे ! ओ ! दरोगा जी
सुनो, दरोगा जी
तू अफसर है सरकारी
थाने का है अधिकारी
कानून का रक्षक
है वर्दीदारी
पर सुन लो, दरोगा जी
तू अफसर है भारी
लेकिन होगा, तो होगा
हम भी सरकारी नौकर है
पढ़ा लिखा तू हमसे ही
ना कर, हमसे गालिवारी
हम शिक्षाचारी है
हमसे ज्ञान का वितरण
लेती दुनिया सारी है
ऐ ! दरोगा जी
अरे ! ओ ! दरोगा जी
तुम कानून के रक्षक हो
अपराधों के भक्षक हो
पर तेरी जो भाषा है
शिक्षक पर चिल्लाता है
मनमानी करता तू अभिमानी
शिक्षक पर गुर्राता है
ऐ ! दरोगा जी
अरे ! ओ ! दरोगा जी
देशहित की बात है
संकट में तू संगी
पर शिक्षक का भी साथ है
यह महामारी की लाचारी है
लड़ना सबको है मिलकर
क्योंकि
यह देश बचाने की भारी है
ऐ ! दरोगा जी
सुनो, दरोगा जी
यह शिक्षा-संस्कार की बात है
तू पढ़ा-लिखा पर अनपढ़
तेरी वाणी में
अपशब्दों की सोगात है
ऐ ! दरोगा जी
अरे ! ओ ! दरोगा जी
सुनो, दरोगा जी
तू शिक्षक को गाली देता
पकड़ के गाड़ी उसकी
थाने में है धर लेता
यह कैसी होशियारी है ?
बोलो, दरोगा जी
क्या कहती ? तेरी बुद्धि
क्या तुमको वर्दी की बीमारी है ?
ऐ ! दरोगा जी
अरे ! ओ ! दरोगा जी
सुन लो, दरोगा जी
हम शिक्षक है
शिक्षा की भाषा कहते है
सीधे-साधे
हर काम में आगे रहते है
पर जुल्म उठे हम
तेरे जैसों को सीधा कर देते है
ऐ ! दरोगा जी
समझो, दरोगा जी
थोड़ी सुद-बुध रखो, दरोगा जी
हालात को समझो, दरोगा जी
देशहित में लड़ो, दरोगा जी
शिक्षक से ना बीड़ो, दरोगा जी
ऐ ! दरोगा जी
अरे ! ओ ! दरोगा जी
सुनो, दरोगा जी
समझो, दरोगा जी...।
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY