Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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जब तेरे आने कि आहट पाते है !

 

जब तेरे आने कि आहट पाते है !
नीर नयन के पलकों पर टिक जाते है !!
हो ना जाएँ कम तुम्हारी भावनाएं !
रोक रखते हैं हम अपनी वेदनाएं !
एक पल को ही सही, तुमको पा जाते है !!
नीर नयन के पलकों पर टिक जाते है !!
अजनबी से तुम आते हो जाते हो !
पास रहते हो पर दूर जनाते हो !
पल खुशियों के आते हुए रह जाते है !!
नीर नयन के पलकों पर टिक जाते है !!
हर मुलाकात नया दर्द का रिश्ता है !
जीवन भरा अविश्वास, गल-गल रिसता है !
बांध ह्रदय के टूट- टूट जब जाते है !!
नयन- नीर पलकों से छूट तब जाते है !!

 

 

 

Anil Ranjan

 

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