आयी मेरी जिन्दगी में एक नन्ही जान...
बनके मेरे सपनो का जहान......
इन आँखों को रोशनी आज मिली है...
जैसे जीने की वजह आज मिली है...
इस नन्ही सी जान को जन्म मैंने दिया हैं,
यही सोच कर इतराती हुँ मैं...
ये एहसास दुनिया से परे है जिसे महसूस कर मुस्कुराती हुँ मैं...
मेरे गमो को भूल चुकी हुँ मैं....
जैसे नींद से उठी हुँ मैं...
मुझे मेरी पंसद नपंसद याद आने लगी हैं...
बचपन की वो सुनहरी यादे गुनगुनाने लगी है...
जिन्दगी के सबसे खूबसूरत पल को जी रही हुँ मैं....
मानो नदी मे गोते लगा रही हुँ मैं...
चेहरे पर बस हँसी हैं.....
आँखो मे इसे पाने की नमी है...
मेरी काँटो भरी जिन्दगी में एक फूल खिल गया..
जिन्दगी को एक मकसद मिल गया..
मानो जिन्दगी में रंगो की होली आयी...
मेरी जिन्दगी में एक नन्ही जान आयी...
अंजली अग्रवाल
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