Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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तुम न होते

 

तुम न होते तो जिन्दतगी में र्सिफ काँटो भरे रास्तेे ही होते॰॰॰॰
जो तुम न होते तो आँखे में आँसुओं के समुन्दँर ही होते॰॰॰॰
जो तुम न होते तो जिन्दंगी में रंगो के डब्बे खाली ही होते॰॰॰॰
जो तुम न होते तो रातो को महखाने होते॰॰॰॰
जो तुम न होते तो हम र्सिफ जिन्दाे होते॰॰॰॰

 

 

 

अंजली अग्रवाल

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