"डर के साए में मनें, क्यों अपने त्योहार;
आ भाई, चल तोड़ दें; नफ़रत की दीवार!"" चल हम करनी छोड़ दें, आपस में तनक़ीद;
तेरे घर होली मने, मेरे घर हो ईद ।"
Powered by Froala Editor
"डर के साए में मनें, क्यों अपने त्योहार;
आ भाई, चल तोड़ दें; नफ़रत की दीवार!"
" चल हम करनी छोड़ दें, आपस में तनक़ीद;
तेरे घर होली मने, मेरे घर हो ईद ।"
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY