Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

शेर

 

 

  • "डर के साए में मनें, क्यों अपने त्योहार;
    आ भाई, चल तोड़ दें; नफ़रत की दीवार!"

     

  • " चल हम करनी छोड़ दें, आपस में तनक़ीद;
    तेरे घर होली मने, मेरे घर हो ईद ।"

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