"चूमकर फचून्दे , बने जो क्रांति का इतिहास हैं!
जिनकी साँसों की बदौलत ले रहे हम साँस हैं!
मैं अभागा उन फरिश्तों के लिए अब क्या लिखूँ,
जिनकी क़ुरबानी से छोटे सिंधु, गिरि, आकाश हैं।"
स्वतंत्रता दिवस की पूर्वसंध्या पर उन्हें श्रद्धा-पुष्प समर्पित जिनके कारण हमने आज़ादी का सूरज देखा ????❤️????????
@ Anurag Atul
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