Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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क्या इसी प्रतिफल के लिये आज़ादी के दीवानों ने इतना संघर्ष किया था?

 

हम सीतापुर के लोगो के लिए अभी जिस घटना की जानकारी मिली है वो अत्यंत दुखद और अमानवीय है ,हमारे जनपद के एक मात्र जीवित स्वतंत्रता सेनानी श्रद्धेय श्री शिव नारायण शर्मा जी आज अपना स्वास्थ्य परीक्षण कराने के लिए जिला चिकित्सालय गए हुए थे,जहा मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर ए के अग्रवाल द्वारा उनसे लाइन में लगने की हिदायत देते हुए अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया ,अपना परिचय देने पर सीएमएस और आग बबूला हो गए और श्री शर्मा जी को बुरी तरह अपमानित किया ,
95वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी श्री शर्मा जी इस घटनाक्रम से अत्यंत दुखी है और उन्होंने सीएमएस पर कार्यवाही न होने की स्तिथि में इच्छा मृत्यु तक की मांग कर दी है
9नवंबर 1924को जन्मे शर्मा जी ने स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान दिया ,और अपने बारह साथियों के साथ 18अगस्त 1942को लालबाग गोली कांड वाले सबसे विशाल जुलूस का नेतृत्व किया ,5हज़ार की भीड़ का नेतृत्व कर रहे शर्मा जी को अंग्रेजो ने भयंकर यातनाएं देते हुए जिला कारागार में डाल दिया लेकिन रिहा होने के बाद वो और अधिक सक्रियता से आजादी के संघर्ष में जुट गए वो हमारे आजादी आंदोलन की एक मात्र धरोहर है मेरे पिता जी बताया करते थे कि जिस दिन देश आजाद हुआ था उन्होंने भगत सिंह की फांसी का फदा चूमते जीवंत झांकी तैयार की थी जिसे देखने पूरा शहर उमड़ पड़ा था ,उनकी धर्मपत्नी शांति देवी जी भी स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय रहीं और महनीय योगदान किया
लेकिन आज उनके साथ एक सरकारी मुलाजिम का ये आचरण पूरे सीतापुर और हमारे राष्ट्रीय आंदोलन का अपमान है
हमारे जिलाधिकारी महोदय अत्यंत संवेदनशील है और सभी का सम्मान करते है हम अपेक्षा करते है कि वो इस घटना का संज्ञान लेते हुए दोषी सीएमएस के विरूद्ध आपराधिक अभियोग पंजीकृत कराते हुए उन्हें तत्काल जिले से कार्यमुक्त करेंगे जिससे स्वतंत्रता सेनानी और सीतापुर का सम्मान अक्षुण्ण रह सके।

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(आराध्य शुक्ल जी की वाल से)

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