Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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उस घटाटोप तम में

 

उस घटाटोप तम में
दफ़्न थी एक पूरे युग के
उजाले की लाश
ऐसा नहीं कि
सूरज बेख़बर था
मगर निशापतियों से मिल रहे
गरमागरम पैकेज
उसके जोश को ठंडा कर रहे थे

उधर, संतू की माँ
चुपचाप कंडे पाथकर
बठिया पूरी करने में जुटी थी
बादलों की गर्जना से बेपरवाह!

मोंटेसरी स्कूल से लौटकर
वापस आये बच्चे भी
मदद कर रहे थे
अपनी माँ की , राष्ट्र-निर्माण में
गाते हुए जन गण मन
अधिनायक जय हो..!

– अनुराग ‘अतुल’

अनुराग ‘अतुल’

September 18 at 10:39 AM ·

उस घटाटोप तम में
दफ़्न थी एक पूरे युग के
उजाले की लाश
ऐसा नहीं कि
सूरज बेख़बर था
मगर निशापतियों से मिल रहे
गरमागरम पैकेज
उसके जोश को ठंडा कर रहे थे

उधर, संतू की माँ
चुपचाप कंडे पाथकर
बठिया पूरी करने में जुटी थी
बादलों की गर्जना से बेपरवाह!

मोंटेसरी स्कूल से लौटकर
वापस आये बच्चे भी
मदद कर रहे थे
अपनी माँ की , राष्ट्र-निर्माण में
गाते हुए जन गण मन
अधिनायक जय हो..!

– अनुराग ‘अतुल’

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