Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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कई बार होली जलाई है तुमने

 

"कई बार होली जलाई है तुमने, दिलों में जो होली जलाओ तो जानें।
तुम्हे तो सदा से जलन ने जलाया, जलन की जो होली जलाओ तो जानें।
उठे को उठाना - गिरे को गिराना - है आसाँ बहुत क्या बड़ाई है इसमें ?
गिरे को उठाओ - उठे को गिराओ - धरा को गगन से मिलाओ तो जानें।"

 

 

अनुराग शुक्ला

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