"कई बार होली जलाई है तुमने, दिलों में जो होली जलाओ तो जानें।
तुम्हे तो सदा से जलन ने जलाया, जलन की जो होली जलाओ तो जानें।
उठे को उठाना - गिरे को गिराना - है आसाँ बहुत क्या बड़ाई है इसमें ?
गिरे को उठाओ - उठे को गिराओ - धरा को गगन से मिलाओ तो जानें।"
अनुराग शुक्ला
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