Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

लाल बहादुर शास्त्री

 


Anurag Atul

वह लाल बहादुर भारत की मिट्टी का एक सितारा था
 वह लाल बहादुर जो जनमानस को प्राणों से प्यारा था

 वह लाल बहादुर फटी हुई धोती में भाषण देता था
 खाद्यानों का संकट हो तो उपवास स्वयं कर लेता था

 वह था बापू का परम भक्त सादगी, सत्य का आदी था
 वह लाल बहादुर या कि कहो दूसरा महात्मा गाँधी था

 वह जय जवान जय कृषक बोलकर नयी आस भर देता था
 विपदाओं में अपनी आत्मा का शुभ प्रकाश भर देता था

 वह लाल बहादुर जिसकी सेना हर मुश्किल रण जीत गयी
 वह  लाल  बहादुर  जाने  से  जिसके परम्परा रीत गयी

 वह स्वाभिमान की भाषा था, अमरीका से लड़ जाता था
 पीछे हटता था नहीं पुनः यदि हिम्मत से अड़ जाता था

 फिर ताशकंद के समझौते में वचन उसी का छला गया
 देकर सारे सवाल हमको वह लाल बहादुर चला गया

 जर्मन चश्मा वाले नेता जी वो ऊँचाई क्या जानें
 जो वियतनाम में घूम रहे हैं वो सच्चाई क्या जानें

 लेकिन सच्चे सपूत माँ के सब भेद झूठ के खोलेंगे
 हम बोल रहे थे पहले भी जैसे, आगे भी बोलेंगे

 जो कार्य बीच में छूट गए वो पूर्ण हमीं को करना है
वंचित आँखों के सपनों में उम्मीदों के रंग भरना है
????????????
 श्रद्धेय शास्त्री जी को पुण्यतिथि पर कृतज्ञ नमन!

 -अनुराग 'अतुल'

Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ