Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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मेघ फिर आज उतरे नैन - घाटी में भिगोने को....

 

मेघ फिर आज उतरे नैन - घाटी में भिगोने को....
मैनें हंसकर कहा - इतना नही बेसब्र होने को....
अभी आये हो थक करके जरा बैठो , पियो पानी ,
समूची रात बाकी है गले लग करके रोने को...

 

 


-- अनुराग शुक्ला

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