सूर्य को छाँह देने को कहीं तरुवर नहीं मिलता
मगर कोहरे में पेड़ों को भी तो दिनकर नही मिलता।
तमन्ना रखता है जो देश का उद्धार करने की
वो लाइन में ही रह जाता उसे अवसर नही मिलता
स्यात मुझको बनाना चाहता था कवि इसी कारण
हमेशा देता जो सबको मुझे अक्सर नही मिलता...."
अनुराग शुक्ला
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