"वो सच कैसे जियें? जिसको बताना भी बहुत मुश्किल।
दुखी शोषित जनों के गीत गाना भी बहुत मुश्किल।
स्वयं की जिन्दगी बर्बाद करना भी नहीं आसाँ,
तुम्हारे अश्क बहते देख पाना भी बहुत मुश्किल।"
-अनुराग शुक्ला
"वो सच कैसे जियें? जिसको बताना भी बहुत मुश्किल।
दुखी शोषित जनों के गीत गाना भी बहुत मुश्किल।
स्वयं की जिन्दगी बर्बाद करना भी नहीं आसाँ,
तुम्हारे अश्क बहते देख पाना भी बहुत मुश्किल।"
-अनुराग शुक्ला
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