Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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मैंने कहा, भारत देश महान है,

 

Anurag Atul


11 घंटे  · 


 


मैंने कहा, भारत देश महान है,
सामने खड़े श्रोताओं की भीड़ ने
 ज़ोरदार तालियाँ बजाकर अभिनंदन किया।
मैंने "भारत माता की जय" बोली
 लोग और भी उत्साहित हो गए।

मैंने कहा भारत को यह स्वतंत्रता
लाखों क्रांतिकारियों के बलिदान से मिली है,
हमें इस अवसर पर उनको नमन करना चाहिए।
लोगों की आँखों से देशभक्ति छलक गयी।
वे हाथ उठाकर 'जय हिन्द' बोलने लगे।

मैंने कहा भारत के सामने कुछ चुनौतियाँ हैं
अगर उनका सामना कर लिया जाये
तो यह देश और भी सुन्दर बन सकता है
भीड़ कुछ कम हो गई
लेकिन तमाम लोगों के चेहरे पर चमक आ गयी।

मैंने कहा भारत इस समय अशिक्षा, बीमारी, बेरोजगारी
असुरक्षा और बलात्कार जैसी गंभीर समस्याओं से जूझ रहा है, हमें इसके लिए संघर्ष करना चाहिए?
भीड़ और भी कम हो गयी,
लेकिन कुछ लोगों ने सहमति में सिर हिलाया।

मैंने कहा, मैं इन ज्वलन्त समस्याओं के समाधान के लिए
भगवान राम, गाँधी और भगतसिंह के रास्ते पर जा रहा हूँ,
तुम लोग मेरे साथ चलो, निश्चित ही कुछ बदलाव आयेगा,
आने वाली पीढ़ियाँ हमें शुक्रिया कहेंगी।
शेष बचे लोग उठकर
'जय श्री राम' और 'वन्देमातरम' के नारे लगाते हुए
अपने अपने घर चले गए।

अब, मैं अकेला खड़ा था,
मेरे साथ बस मेरे राम थे।
और सामने स्थित
चंद्रशेखर आज़ाद की मूर्ति की आँखों से
आँसू टपक पड़े
अल्फ्रेड पार्क में..!

 -अनुराग 'अतुल'



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