Anurag Atul
????बसन्त पञ्चमी की शुभकामनाओं सहित????
गीत में संचेतना के स्वर हमें दो शारदे !
राष्ट्र के नवजागरण का वर हमें दो शारदे!
मेट दो अन्याय जग से, न्याय का सत्कार हो।
छाँट दो कोहरा हृदय से ज्ञान का उजियार हो।
नेह का निर्झर बहे , वह उर हमें दो शारदे !
विश्व के नवजागरण का वर हमें दो शारदे...!
हों सुरक्षित जन सभी आतंक से अब मुक्त हों।
द्वेष, ईर्ष्या, छल, कपट, पाखण्ड से उन्मुक्त हों।
शांतिमय वातावरण का घर हमें दो शारदे !
विश्व के नवजागरण का वर हमें दो शारदे...!
दीन का उद्धार कर दे, अश्रु पर उपकार कर!
आज गाँधी के पुरातन स्वप्न को साकार कर!
और हम माध्यम बनें, वे कर हमें दो शारदे !
विश्व के नवजागरण का वर हमें दो शारदे...!
-अनुराग 'अतुल'
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