दिल दर्पण
प्रतिबिम्ब उभारे
सिर्फ तुम्हारे
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शब्द चन्दन
भावना महकाएं
सिर्फ तुम्हारे
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भाव कुंदन
करते उजियारे
सिर्फ तुम्हारे
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पलते स्वप्न
हैं नयन हमारे
सिर्फ तुम्हारे
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अनुराग त्रिवेदी .....एहसास
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