Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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वो लो !

 

जो हमेशा खुशियों की वजह बन जीते है |
वो छुप-छुप कर अपने आँसू पीते हैं |


जहाँ भर की दुआ उनको हो नसीब !
जो सबकी खुशियों की फसल सींचते हैं |


हमने तजुर्बा किया है, इन्हें देख कर ,
नेक दिल किसी के भी दर्द से पसीजते हैं |


ये वो साफ़ दिल लोग होते हैं हम में से एक !
किसी की मुश्किल देख आँखे नहीं मूंदते हैं |


दरिया दिली है इनमे ऐसी कि न पूछिए !
दोस्त के दुश्मन को देख खीजते हैं |


ऐसे लोग, कर जाते हैं, ख्यालों में बसर
इसलिए तो हम, ऐसे दोस्तों पर रीझते हैं !


उनमे से एक आप बनो, ऐसा हो मिजाज़ !
बस ज़िंदगी से ही जीना सभी सीखते हैं |

 

 

.................अनुराग त्रिवेदी 'एहसास '

 

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